सही स्ट्रीम और करियर का चुनाव: माता-पिता कैसे करें मदद

बच्चा 10वीं या 12वीं कक्षा पास करने वाला है और अब उसके सामने सबसे बड़ा सवाल है - भविष्य में कौनसी स्ट्रीम और कोर्स चुने? ये फैसला उनके पूरे करियर की दिशा तय करता है। तो कैसे करें कि ये चयन सही हो? इस ब्लॉग में हम विज्ञान और ज्योतिष दोनों का सहारा लेकर इसी सवाल का जवाब ढूँढेंगे!

Himanshu SHarma

7/22/20241 min read

Career counselling
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सही स्ट्रीम और करियर का चुनाव: माता-पिता कैसे करें मदद?

आपका बच्चा 10वीं या 12वीं कक्षा पास करने वाला है और अब उसके सामने सबसे बड़ा सवाल है - भविष्य में कौनसी स्ट्रीम और कोर्स चुने? ये फैसला उनके पूरे करियर की दिशा तय करता है। तो कैसे करें कि ये चयन सही हो? इस ब्लॉग में हम विज्ञान और ज्योतिष दोनों का सहारा लेकर इसी सवाल का जवाब ढूँढेंगे!

छात्र खुद कैसे करें चुनाव की तैयारी?

  • अपनी रुचि और जुनून पहचाने: कौनसा विषय आपको रोमांचित करता है? किस क्षेत्र में आप घंटों खोए रह सकते हैं? अपनी रुचि को पहचानना भविष्य के लिए मजबूत आधार तैयार करता है।

  • अपने कौशल को आंके: आप समस्या सुलझाने में तेज हैं, रचनात्मक हैं या लोगों से जुड़ना पसंद करते हैं? अपने कौशल को पहचानें और उन क्षेत्रों को चुनें जहाँ उन्हें निखारा जा सके।

  • अपने लक्ष्य का निर्धारण करें: आप खुद को किस तरह के माहौल में काम करते हुए देखते हैं? सरकारी नौकरी, रिसर्च लैब या अपना खुद का बिजनेस? लक्ष्य निर्धारण से आप सही दिशा चुन पाएंगे।

  • कॅरियर काउंसलिंग लें: एक अच्छा काउंसलर आपके व्यक्तित्व, रुचि और कौशल का आकलन कर सटीक मार्गदर्शन दे सकता है।

माता-पिता कैसे करें मदद?

  • समर्थन दें, दबाव नहीं: बच्चे के सपनों को दबाने की बजाय उनका समर्थन करें। उनकी रुचि के क्षेत्रों को जानने की कोशिश करें।

  • कॅरियर विकल्पों से अवगत कराएं: उन्हें विभिन्न क्षेत्रों और कोर्स के बारे में जानकारी दें। उन्हें ऑनलाइन रिसर्च करने या करियर प्रदर्शनों में जाने के लिए प्रोत्साहित करें।

  • परामर्श का सुझाव दें: कॅरियर काउंसलर से मिलने के लिए प्रोत्साहित करें। एक विशेषज्ञ का मार्गदर्शन भ्रम को दूर कर सकता है।

ज्योतिष और साइकोमेट्रिक एसेसमेंट का मार्गदर्शन

  • साइकोमेट्रिक एसेसमेंट: यह एक वैज्ञानिक उपकरण है जो व्यक्तित्व, क्षमता और रुचि का आकलन करता है। इससे छात्र को अपनी ताकत और कमजोरियों को समझने में मदद मिलती है।

  • ज्योतिष मार्गदर्शन: जन्मपत्री का विश्लेषण कर आप छात्र की जन्मजात प्रतिभाओं और रुझानों को समझ सकते हैं। यह करियर चुनाव में एक पूरक उपकरण के रूप में काम आ सकता है।

ध्यान दें, ज्योतिष को ही निर्णायक कारक ना बनाएं। इसका उपयोग छात्र की क्षमताओं को उजागर करने के लिए करें।

निष्कर्ष

सही स्ट्रीम और कोर्स का चुनाव छात्र के भविष्य को संवारता है। रुचि, कौशल, लक्ष्य और वैज्ञानिक आकलन को ध्यान में रखकर ही यह निर्णय लें। ज्योतिष मार्गदर्शन भी सहायक हो सकता है.

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