बचपन का बोझ: ट्यूशन का झमेला और अति-महत्वाकांक्षी स्कूल

सोचिए, एक बच्चे के लिए दिन कैसा होता है. सुबह स्कूल जाने की जल्दी, वहां घंटों क्लास लेना, फिर ढेर सारा होमवर्क. शाम को थोड़ा आराम मिलता है, लेकिन ट्यूशन वाले चाचा या आंटी की क्लास के लिए फिर से तैयार. खेलने का वक्त? दोस्तों से मिलने का समय? बस ट्यूशन और होमवर्क का बोझ!

Himanshu

6/26/20241 min read

Tuition ka Pressure
Tuition ka Pressure

बचपन का बोझ: ट्यूशन का झमेला और अति-महत्वाकांक्षी स्कूल

(Bachpan ka Bojh: Tuition ka Jhamela aur Ati- महत्वाकांक्षी स्कूल)

क्या आपने कभी गौर किया है कि हमारे बच्चों का बचपन कब दौड़धूप में खो गया? स्कूल का होमवर्क खत्म होते ही ट्यूशन की दौड़ लग जाती है. ये ट्यूशन उन्हें वो ज़िंदगी नहीं जीने देता जो हर बच्चे का हक है. एक तरफ स्कूल उन्हें किताबों के ढेर तले दबा देते हैं, तो दूसरी तरफ ट्यूशन टीचर्स उन्हें रट्टा लगाने पर मजबूर करते हैं. आखिर कब खत्म होगी ये रट्टा रट्टा की रेस?

सोचिए, एक बच्चे के लिए दिन कैसा होता है. सुबह स्कूल जाने की जल्दी, वहां घंटों क्लास लेना, फिर ढेर सारा होमवर्क. शाम को थोड़ा आराम मिलता है, लेकिन ट्यूशन वाले चाचा या आंटी की क्लास के लिए फिर से तैयार. खेलने का वक्त? दोस्तों से मिलने का समय? बस ट्यूशन और होमवर्क का बोझ!

ये अति-महत्वाकांक्षी स्कूल और ट्यूशन की संस्कृति बच्चों पर कैसा असर डालती है, ये हम कभी सोचते ही नहीं. उन्हें ख़ुद को साबित करने का दबाव रहता है. हर टेस्ट में टॉप आने की रेस. ये ज़िन्दगी भर चलने वाली दौड़ तो नहीं है.

तो आखिर क्या है रास्ता? बच्चों के बचपन को वापस लाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

  • बातचीत करें स्कूल से: स्कूलों को भी ज़िम्मेदारी लेनी होगी. बच्चों को ओवरबर्डन ना करें. होमवर्क वही दें जो उनके लिए सीखने का अनुभव हो, न कि सिर्फ बोझ.

  • कहें ना ट्यूशन के झमेले को: अगर आपके बच्चे स्कूल का काम अच्छे से समझ रहे हैं, तो ज़रूरी नहीं कि उन्हें ट्यूशन की ज़रूरत हो. उनकी रुचि के अनुसार कोई एक्टिविटी करवाएं. खेल, कला, संगीत - उन्हें वो करने दें जो उन्हें खुशी दे.

  • बचपन को जिएं बच्चे: अपने बच्चों को हंसने, खेलने, और दुनिया को explore करने दें. उन्हें पेड़ पर चढ़ने दें, बारिश में भीगने दें. यही असली सीख है जिंदगी की.

  • आप ही हैं रोल मॉडल: बच्चों को ये यकीन दिलाएं कि हर टेस्ट में नंबर आना ज़रूरी नहीं है. ज़्यादा ज़रूरी है सीखना, अपना बेस्ट देना, और ख़ुश रहना.

बचपन एक खूबसूरत फूल है. इसे खिलने दें, मुरझाने ना दें. ट्यूशन और होमवर्क के बोझ तले दबने ना दें. आइए, मिलकर अपने बच्चों को एक ऐसा बचपन दें, जिसे वो हमेशा प्यार से याद करें. #TheMindPrint #HimanshuSharma #StressFreeEducation